
kabutar aur shikari | कबूतर और शिकारी
Chulbuli Tales Podcast
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- 5 Feb 2021
An age-old moral story for which we adults also heard and imbibed few values. such fun stories are a great way to enhance the values in children.
Listen, share, and relive our wonderful story-oriented childhood memories.
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Transcript

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टीएसएस लॉक ओडियो एक्सपीरियंस। भालू फ्रेंड्स चुलबुली ड्रेस में मैं आज आपको एक मॉरल स्टोरी सुनाने वाली है। इसे मैंने अपने बचपन में सुनी थी और इससे कुछ बातें सीखी भी थीं। देखिए आपको इसमें क्या मॉरल मिलता है। कहानी का नाम है कबूतर 8 शिकारी पिजन मैन टू मैन। बहुत पुरानी समय की बात है।
एक बहुत बड़ा जंगल था और उस जंगल में बहुत सारे पेड़ थे पर एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़। मतलब बनियान की था।
उस पेड़ पर बहुत सारे कबूतर रहते थे।
वो जंगल में घूम घूमकर अपना खाना तलाशते थे। कबूतर क्या खाते हैं। ग्रीन सोना वो अपना दाना ढूंढते थे और अपना पेट पढ़ते थे। उन सभी कबूतरों में से एक जो पिजन थाना बहुत बूढ़ा था पर बहुत ही समझदार भी था। इसलिए सभी कबूतर उनकी बात माना करते थे। एक दिन उस जंगल में कहीं से घूमता वही बहेलिया आया। शिकारी उसकी नजर उन कबूतरों पर पड़ी और कबूतरों को देख कर वो तुम बहुत खुश हो गया और उसने अपने मन में कुछ सोचा और वहां से चला गया।
लेकिन बूढ़े कबूतर ने जो उन कबूतर थाना। उसने उस शिकारी को देख लिया था। दूसरे दिन वहां तो भर्ती खूब गर्मी थी और सारे कबूतर पेड़ पर आराम कर रहे थे।
और वो शिकारी वहां पर फिर से आया और उसने देखा। गर्मी के कारण सारे कबूतर पेड़ पर बैठे तो उसने ही उस बनियान ट्री के नीचे अपना नट बिछा दिया और कुछ दाने वहां पर बिखेरती और दूसरे पेड़ के पीछे जाकर चुपचाप छुप गया। कबूतरों में से एक कबूतर की नजर उन दानों पर पड़ी और वो दानों को देखकर बड़ा खुश हो गया और उसने बाकी सारे कबूतरों से उसकी फ्रेंड से उनको कहा देखो देखो आज तो हमें बहुत सारा खाना हमारे पेड़ के नीचे ही मिल गया है। हमें कहीं भी नहीं जाना पड़ेगा। चलो चलो हम जल्दी से जाकी वो दाने को खाते हैं। गर्मी से बेहाल भूख से परेशान सारे कबूतर को तो जैसे खजाना मिल गया और वो जल्दी से नीचे उतरने लगे। बूढ़े कबूतरों ने उनको रोका रुको आपको नीचे मत जाओ। मैंने शिकारी को देखा था लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं मानी और सब नीचे जाकर दाना चुनने लगी। बूढ़े का हूटर की नजर अचानक भीड़ के पीछे छिपी शिकारी पर गई और उसे सब समझ में आ गया लेकिन तब तक तो देर हो चुकी थी। दाना चुक कर कबूतर जैसे ही उड़ने की कोशिश करने लगे सब के सब जाल में फंस कर कबूतरों की जितनी कोशिश करते उतना हो नेट में फंसते जा रहे थे फंसते जा रहे थे। कबूतर को जाल में फंसा हुआ देखकर शिकारी पेड़ के पीछे से निकलकर आया और उनको पकड़ने के लिए उनकी तरफ बढ़ने लगा। सारे कबूतर डर गए और उन्होंने बूढ़े कबूतर को जोकि पेड़ के ऊपर बैठा हुआ था उसे खा प्लीज हमको मदद करो हमें कुछ बताओ हम क्या करें।
बूढ़ा कबूतर कुछ सोचने लगा और उसने कहा ठीक है जैसे ही मैं तुमको कहूं वन टू और थ्री सब एक साथ उड़ जाना और तुम जब सब पढ़ोगे उड़कर मेरी पीछे पीछे ज्ञान। कबूतर बोले हम तो जाल में फंसे हुए हम कैसे उड़ पाएंगे। बूढ़े कबूतर ने कहा चिंता मत करो सब एकसाथ कोशिश करोगे न तो तुम उड़ जाओगे।
कप्तान ने कहा ठीक है मुड़े कबूतर ने जल्दी से कहा वन टू और थ्री और सारी कबूतर एक साथ ढूंढने की कोशिश करने लगी और उन्होंने देखा कि चाल के साथ हो उनके पति नेट भी उनके साथ साथ उड़ गया था और वो बूढ़े कबूतर के पीछे पीछे उड़ने लगी। कबूतरों को नेट के साथ उड़ता हुआ देख कर शिकारी तो हैरान रह गया क्योंकि उसने इसके पहले कभी भी कोई पी पोज को नेट के साथ उड़ते हुए नहीं देखा था। वह उन कबूतरों के पीछे भागा भागा लेकिन कबूतर तो फटाफट नदी के ऊपर से पहाड़ के ऊपर से पार करते हुए नट को लीक कर वहां से दूर दूर दूर चले गए और वह शिकारी उनका पीछा ही नहीं कर पाया। इधर बूढ़े कबूतर ने जाल में फंसे कबूतरों को लेकर एक पहाड़ी पर गए और वहां पर पता है कौन रहता था उस कबूतर का एक एप्रेन चू था एक चूहा भूरे कबूतर को जब उसने आते हुए देखा तो बड़ा खुश हो गया।
अरे वाह मेरे फ्रेंड मुझसे मिलने आया है। बूढ़े कबूतर ने चूहे को अपनी सारी बात बताई कि कैसे उसके सारे दूसरे फ्रेंड कबूतर जाल में फंस गए हैं। चूहे ने कहा अरे फ्रैंड चिंता मत करो मैं अभी अपने दांतों से सारे जाल को काट दूंगा।
और उसने अपने दांतों से जाल को काटकर सात रेड कबूतर को फ्री कर दिया। कबूतर बड़ी खुश हो गए और उन्होंने उस चूहे को क्यों कहा और बूढ़े कबूतर से सॉरी बोला पता है कि सॉरी बोला। मैंने इस कहानी से दो चीजें सीखी। एक तो अगर हम सब मिलकर कुछ काम करें। तुम बड़े से बड़ा काम भी ईजिली कर सकते हैं जैसे सारे कबूतर एक साथ उड़े। तू नट को लेकर भी उड़ सके पर दूसरी चीज मैंने सीखी कि जब हमारी बड़े हमारी मम्मी पापा दादा दादी नाना नानी अगर हमसे कुछ काम करने के लिए कहते हैं तो हमें उनका कहना मानना चाहिए। है ना। सारे कबूतरों ने बूढ़े कबूतर की बात नहीं मानी तो देखा ना कैसे वो नर्क में फंस गए। अब आप सोचो आप इस कहानी से क्या चीज सीख होगी। तो ये थी हमारी आज की कहानी। और हम जल्दी ही एक और नई कहानी आपको सुनाने आएंगे तो हमारे साथ जुड़ते रहने की नई कहानियां सुनते रहने की सूचना आपको मिलती रहेगी। जिला मीडिया वेबसाइट पर या आपके फेवरिट पॉडकास्ट में आप जैसे कि जियो सावंत ऐपल पार्टी का स्टोर्स पार्टी फाइव पर तो अपने फ्रेंड्स को भी बताना ना भूलें और हमारी कहानियां चुलबुली टेबल पर सुनते रहें।