
Tenaliraam aur Matka | तेनालीराम और मटका
Chulbuli Tales Podcast
- 59 views
- 22 Feb 2021
Tenaliram''s knowledge and intelligence made him the favorite of King Krishnadevrai. He had funny ways for putting across his answers which amused all. This story talks about how with his intelligence he calmed down the angry king and made him laugh with amusement.
Listen, share, and relive our wonderful story-oriented childhood memories.
For advertising/partnerships reach out to bonjour@eplog.media
You can follow us and leave us feedback on Facebook, Instagram, and Twitter @eplogmedia
Image Credits: www.freepik.com
If you like this show, please subscribe and leave us a review wherever you get your podcasts, so other people can find us. You can also find us on https://www.eplog.media
See omnystudio.com/listener for privacy information.
Transcript

Editor's Note: This transcript was automatically transcribed, so mistakes are inevitable. You can contribute by proofreading the transcript or highlighting the mistakes. Sign up to be amongst the first contributors.
टीएसएस लॉक ओडियो एक्सपीरियंस। हलो बच्चों पता है हमारे भारत देश में। इंडिया में कहीं ऐसे महान ज्ञानी हुए हैं जिनकी समझदारी और इंटेलिजेंस से जुड़े एक किस्से हर किसी को बहुत मोटिवेट और इंस्पायर करते हैं। उनमें से एक नाम है तेनालीराम। तेनालीराम महाराज कृष्णदेव राय के सबसे प्रिय मंत्री हुआ करते थे। एकदम फेवरेट तेनालीराम से जुड़े कई ऐसे मजेदार किस्से हैं जो हंसी हंसी में एक सीख दे जाते हैं।
आज चुलबुली ड्रेस में मैं सुनीता आपको तेनालीराम और मटका ये कहानी सुनाने जा रही हूं जो प्रमाण है इस बात का कि समझदारी और इंटेलिजेंस के जरिए किसी भी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन निकाला जा सकता है।
तो सुनिए कहानी तेनालीराम आर। मटका। एक बार की बात है किसी कारण से महाराज कृष्णदेव राय तेनालीराम से बहुत नाराज हो गए थे। जैरी आएंगे और इतना नाराज हो गए थे कि उन्होंने तेनालीराम को कहा पंडित तेनालीराम अब आप हमें अपनी शकल नहीं दिखाएंगे और अगर आपने हमारे आदेश का पालन नहीं किया आपने हमारा आर्डर नहीं माना तो हम आपको कोड़े मारने का आदेश देंगे। कोढ़ी न हं।
महाराज की यह बात सुन कर तेनालीराम वहां से चुपचाप चले गए।
अगली दिन जब दरबार लगा महाराज का आफिस तो तेनाली राम से जलूस करने वाली चलनी वाले कुछ मंत्रियों ने महाराज के दरबार में आने से पहले ही उन कुछ चुपचाप चुपचाप कुछ बताना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा महाराज आपके मना करने के बाद भी तेनालीराम दरबार में आ पहुंचे। इतना ही नहीं यहां आकर उस आपसी हंसी मजाक भी कर रहे हैं। यह तो आप का आर्डर न मानने वाली बात हुई ना। इन्हीं इसकी जरूर सजा मिलनी चाहिए। यह सुनकर महाराज बात गुस्सा होकर आग बबूला हो गए और वह जल्दी जल्दी चलकर दरबार की ओर बढ़ने लगे। वह जैसे ही दरबार भी पहुंचे उन्होंने देखा तेनालीराम अपनी मुंह पर एक मटका पहनकर दरबार में खड़े हैं। बस उनकी आँखों के आगे मटके में दो छेद थे। उनकी इस हरकत को देखकर महाराज कृष्णदेव राय ने गुस्से में उनसे कहा पंडित तेनालीराम हमने आपसे कहा था ना क्या हम अपनी शक्ल हमें नहीं दिखाएंगे फिर ऐसा क्या हुआ कि आपने हमारे आदेश का पालन नहीं किया। हमारा आर्डर नहीं माना। महाराज की बात पर तेनालीराम ने कहा महाराज मैंने आपको मेरी शकल कहां दिखाई। चेहरे पर तो मैंने ये कोई मटका पहना हुआ है। हां मेरी आंखों पर मौजूद इन दो होल्स से छेदों से मुझे आपका चेहरा दिख रहा है। लेकिन आपने मुझसे आपकी शकल देखने से तो मनाही में ही किया था। तेनालीराम की ये बात सुनकर महाराजा कृष्णदेव राय की तो हंसी ही छूट गई और वो ठहाका मारकर जोर जोर से हंस पड़े। उन्होंने कहा पंडित तेनाली आप की बुद्धि के आगे हमारा गुस्सा करना मुमकिन ही नहीं है। हां इस मटके को उतारो और अपनी जगह पर बैठ जाओ। ये सुन कर कई लोग दरबार में हंस
पड़े और जो मंत्री उनसे जलते थे वो बिचारे छोटा सा मुंह लेकर बैठ गए। तो बताओ बच्चू इस कहानी से आपने क्या सीखा की अपनी इंटेलिजेंस का काम कर हम कोई भी चीज को अपने फेवर में कर सकते हैं।
तो ये थी हमारी आज की कहानी। और हम जल्दी ही एक और नई कहानी आपको सुनाने आएंगे तो हमारे साथ जुड़ते रहने की नई कहानियां सुनते रहने की सूचना आपको मिलती रहेगी। जिला मीडिया वेबसाइट पर या आपके फेवरिट पॉडकास्ट में आप जैसे कि जियो सावंत ऐपल पार्टी का स्टोर्स पार्टी फाइव पर तो वो अपने फ्रेंड्स को भी बताना ना भूलें और हमारी कहानियां चुलबुली टेबल पर सुनते रहें।