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पिरामिड के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा क्योंकि बचपन से हम धरती के सात अजूबों के बारे में पढ़ते और सुनते आ रहे हैं और गीजा के महान पिरामिड भी सात अजूबों में से एक है । लेकिन क्या आपके माइंड में कभी यह थॉट आई है कभी यह सोचा है आपने कि हजारों साल पहले इतनी बारीकी से पिरामिड को बनाया कैसे गया होगा क्योंकि उस समय तो टेक्नॉलोजी बिल्कुल ना के बराबर थी । दोस्तो बनी रहिए अंतत हमारी इस विडियो के साथ क्योंकि आज हम आप को पिरामिड के बारे में कुछ ऐसे ही रोचक और हैरान करने वाले फैक्ट्स मैं आज आपके सामने रखने वाला हूं जिसे जानने के बाद आप भी एक बार के लिए ही सही लेकिन सोचने पर मजबूर जरूर हो जाएंगे । लेकिन दोस्ती से पहले की विडियो शुरू । नीचे दिए गए एडलर के बटन को दबाकर आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लीजिए और साथ में लगे घंटी को भी दवा देना । मिस्र अपनी सबसे प्राचीन सभ्यता के लिए जाना जाता है । वैसे तो मिस्र में करीब एक सौ अड़तीस पिरामिड हैं और गीजा का ग्रेट पिरामिड विश्व के सात अजूबों की सूची में शामिल है । ऐसा माना जाता है कि मिस्र के पिरामिडों का निर्माण तत्कालीन राजाओं के समय को दफनाने के लिए किया जाता था । साथ ही खाने पीने की चीजे बर्तन कपड़े आदि भी साथ में दफन कर दिए जाते थे । मिस्र के लोगों की मान्यता है कि यह सब करने से मरने के बाद व्यक्ति दूसरी दुनिया में चला जाता था जहां उसके साथ दफनाई गई चीजे उसके काम आती है । मिस्र आधिकारिक तौर पर मिस्र अरब गणराज्य एक अंतरमहाद्वीपीय देश है जो अफ्रीका के उत्तर पूर्वी कोने और एशिया के दक्षिण पश्चिमी कोने में फैला हुआ

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है । मिस्र अफ्रीका और मध्य पूर्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले इस्लामी देशों में से एक आता है । इसका अधिकतर हिस्सा नील नदी के किनारे वाले हिस्से में रहता है जिसके दोनों ओर रेगिस्तान पड़ते हैं । इसका समुद्र तल सपाट है । अरब की पहाड़ियां मुख्य रूप से पर्वत श्री है । मिस्र में नदी के पश्चिमी और काहिरा के उत्तर में करीब 50 मील दूर फायरिंग के क्षेत्र में सिर्फ कृषि योग्य भूमि पाई जाती है । मिस्र का अधिकांस वर्ग जलविहीन है । कहा जाता है कि इन पिरामिडों को राजा महाराजाओं के सब को सुरक्षित रखने के लिए मतलब ममी बनाकर रखने के लिए लेकिन आज तक किसी भी पिरामिड में कोई भी ममी नहीं मिला । वैज्ञानिकों के अनुसार इन पिरामिडों के नीचे बहुत से ऐसे गुप्त कमरे और रास्ते हो सकते हैं जिनके बारे में अभी भी हमारे पास कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं है । तो ऐसा भी हो सकता है । अगर ममी को सुरक्षित रखने के लिए इन पिरामिडों को बनाया गया था तो कहीं न कहीं वह सभी ममी अभी भी सुरक्षित होगी क्योंकि अगर किसी के हाथ ममी लग जाए तो वो ममी सुरक्षित कैसा । गीजा के ग्रेट पिरामिड की उचाई 450 फीट है । 43 सदियों तक यह दुनिया की सबसे ऊँची संरचना थी लेकिन 19वीं सदी में इसका यह रिकॉर्ड टूट गया और इस पिरामिड का जो नीचे का भाग है वो 13 एकड़ में फैला हुआ है जो लगभग 16 फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा है । इस पिरामिड को 25 लाख चूना पत्थरों से बनाया गया था और हर एक पत्थर का वजन दो टन से लेकर 30 टन तक का था और इस भव्य पिरामिड को बनाने में तकरीबन 23 साल का वक्त लगा था लेकिन बात फिर से घूम फिर के

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यहीं पर आकर रुक जाती है कि आखिर उस समय में बिना किसी टेक्नोलॉजी के ऐसा भर पिरामिड कैसे बनाया गया होगा क्योंकि इंजीनियर्स भी मानते हैं कि आज के जमाने में इतने एडवांस टेक्नोलॉजी होते हुए भी बिल्कुल ऐसा ही दूसरा पिरामिड का निर्माण करना लगभग नामुमकिन है । पिरामिड का रहस्य तो और भी अधिक बढ़ने लगा जब यह सिर्फ गीजा में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पाया जाने लगा । गीजा से कई छोटे पिरामिड सूडान में मिले जिनकी संख्या 255 और ऐसे ही साउथ अमेरिका चीन इटली और इंडोनेशिया में बहुत से जगह पर मिलने लगा । गौर करने वाली बात तो यह है कि उस समय तो इंटरनेट नाम की कोई चीज नहीं होती थी न ही संचार का कोई माध्यम होता था बल्कि उस समय तो एक देश से दूसरे देश जाने के लिए या फिर कोई संदेशा पहुंचाने के लिए भी बहुत दिक्कत आती होगी । तो फिर कैसे बिना किसी संचार माध्यम के बिना कुछ देखे एक ही समय में धरती के अलग अलग जगह पर काफी हद तक एक जैसे दिखने वाले पिरामिड को बनाए गए सच में सोचने वाली बात है । द ग्रेट पिरामिड को बनाने के लिए 25 लाख अलग अलग आकार के चूना पत्थरों का प्रयोग किया गया था और हरेक पत्थर का वजन तकरीबन दो टन से लेकर 30 टन तक का था जिससे किसी भी स्ट्रक्चर का निर्माण करना मुश्किल था । लेकिन इसके बाबजूद मिस्रवासियों ने इस पिरामिड को इतनी बारीकी से बनाया है कि उन पत्थरों के बीच में से एक सुई भी गुंसाई नहीं जा सकती । पिरामिड में नीब के चारों कोने के पत्थरों में बॉल और सॉकेट बनाए गए हैं ताकि उसमें से होने वाले प्रसार और भूकंप से ये सुरक्षित रहे । बीसी सदियों का तो यह भी मानना

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है कि मिस्रवासियों को सूक्ष्म गणितीय और खगोलीय ज्ञान की जानकारी नहीं होगी । क्योंकि पिरामिड इस तरह बनाया गया है कि 500 डिग्री के साथ उत्तर दिशा को अंकित करता है जो कि बिल्कुल सटीक है । ग्रीक पिरामिड में पत्थरों का प्रयोग इस प्रकार किया गया है कि इसके भीतर का तापमान हमेशा धरती के औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के बराबर रहता है और यदि इस पिरामिड के पत्थरों को 30 सेंटीमीटर के मोटे टुकड़ों में काट दिया जाय तो इनसे फ्रांस के चारों ओर एक मीटर ऊँची दीवार बनाई जा सकती है । वैज्ञानिक प्रयोगों के द्वारा यह प्रमाणित हो गया है कि पिरामिड के अंदर विलक्षण किस्म की ऊर्जा तरंगें लगातार काम करती रहती हैं जो सजीव और निर्जीव दोनों ही प्रकार की वस्तुओं पर अपना प्रभाव डालती हैं । तो ये थी पिरामिड के बारे में कुछ हैरान और चौंकाने वाले तथ्य । वैसे आप क्या सोचते हैं इन पिरामिड सौ इससे जुड़े तथ्य के बारे में आप अपनी राय में नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर दें वीडियो अच्छी लगी हो तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें । धन्यवाद ।